वापस जाना है
वापस जाना है उन् गलियों में
जहाँ किसी को देख कर हस दिया करते थे,
जहाँ लोगों की बातें सुनकर दो पल जी लिया करते थे
मुझे वापस जाना है
उस समय जब भीड़ भाड़ से नफरत थी,
उस समय जब कोई बीमारी से आफत न थी।
वापस जाना है
बस एक बार वही पुरानी दिल्ली, वही पुराना अहमदाबाद,
पुराना वो हर शहर देखना है जो बस नया बनने से कतराता रहा,
वापस जाना है
वापस जहाँ हमको हमीं से ख़तरा न था,
जहाँ हर दोस्त दो कदम पर ही खड़ा था,
और अगर डिल भारी हो जाता था,
तो गले लगाना ग़ैरकानूनी न था।
बस वापस जाना है….
बहुत सुंदर 👌🏼
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